सावित्री श्रीनाथ महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) का सात दिवसीय विशेष शिविरl
भारत में छात्रों को राष्ट्रीय सेवा के कार्य में शामिल करने का विचार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के समय का है। केंद्रीय थीम जिसे उन्होंने छात्रों के लिए बार-बार जोर दिया वह यह थी कि उन्हें अपने समक्ष सदैव अपनी सामाजिक जिम्मेदारी रखनी चाहिए छात्रों का प्रथम कर्तव्य उनके अध्ययन की अवधि को केवल बौद्धिक ज्ञान तक ही सीमित न रखकर स्वयं को ऐसे व्यक्तियों की सेवा में समर्पित करना है जिन्होंने राष्ट्र की वस्तुओं और सेवाओं के साथ हमारे देश को आवश्यक चीजें प्रदान की है जो कि समाज के लिए अति आवश्यक है। उन्हें समुदाय के साथ जीवंत संपर्क स्थापित करने की सलाह देते हुए जिनके मस्तिष्क में उनकी संस्थाएं स्थापित थीं, उन्होंने यह सुझाव दिया कि आर्थिक और सामाजिक निशक्तता के स्थान पर शैक्षिक शोध के स्थान पर छात्रों को कुछ सकारात्मक करना चाहिए ताकि ग्रामीण वासियों के जीवन को अधिक ऊँचा और नैतिक स्तर पर उठाया जा सके।
सावित्री श्रीनाथ महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) का सात दिवसीय विशेष शिविर शुरू हुआ। जिसमें सात दिनों तक आयोजित शिविरों के माध्यम से मतदाता जागरूकता, पर्यावरण जागरूकता, यातायात सुरक्षा, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, कोविड-19, उपभोक्ता अधिकार जैसे विषयों पर ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा।
शिविर का उद्घाटन श्री संजय कुमार ग्राम प्रधान कजपुरा द्वारा किया गया। इस अवसर पर संजय जी ने स्वयंसेवियों को संबोधित कर कहा कि समाज सेवा व्यर्थ नहीं जाएगी, इससे उन्हें न केवल पुण्य प्राप्त होगा। अपितु समाज सेवा से छात्र-छात्राओं के संपूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण होगा। राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रथम इकाई के कार्यक्रम को देखते हुए समाज सेवा के कार्यक्रमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि छात्रों में अपार ऊर्जा है। वे समाज को नई दिशा दे सकते हैं। |
सावित्री श्रीनाथ महाविद्यालय में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे सात दिवसीय विशेष शिविर के दूसरे दिन चयनित सेवा ग्राम कजपुरा में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। कार्यक्रम के तहत एक मतदाता जागरूकता रैली निकाली गई।
विद्यार्थियों ने हर वोट देने जायेगा अपना फर्ज निभाएगा, सारे काम छोड़ दो सबसे पहले वोट दो, आपका मतदान लोकतन्त्र की जान आदि नारे लगाए। रैली में हाथों में मतदाता जागरूकता संबंधित स्लोगन लिखी पट्टिकाएं थीं। दीवारों पर स्लोगन लिखकर भी प्रेरित किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने घर-घर जाकर ग्रामवासियों को मतदान का महत्व समझाया।
विद्यार्थियों ने हर वोट देने जायेगा अपना फर्ज निभाएगा, सारे काम छोड़ दो सबसे पहले वोट दो, आपका मतदान लोकतन्त्र की जान आदि नारे लगाए। रैली में हाथों में मतदाता जागरूकता संबंधित स्लोगन लिखी पट्टिकाएं थीं। दीवारों पर स्लोगन लिखकर भी प्रेरित किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने घर-घर जाकर ग्रामवासियों को मतदान का महत्व समझाया।
DAY-3
सावित्री श्रीनाथ महाविद्यालय में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे सात दिवसीय विशेष शिविर के तीसरे दिन चयनित सेवा ग्राम कजपुरा में कोरोना (COVID-19) से बचाव हेतु जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। कार्यक्रम के तहत एक जागरूकता रैली निकाली गई।
सावित्री श्रीनाथ महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर में चौथे दिन पौधारोपण का कार्यक्रम रखा गया। जिसमें स्वयंसेवकों ने ग्राम कजपुरा व आसपास के क्षेत्र में पौधारोपण किया।लोगों को पौधों का महत्व व उसकी आवश्यकताओं को समझाया गया। इस मौके पर कालेज के प्रबंध निदेशक ने छात्रों को शपथ दिलाई। कहा कि उन्हें अपने जीवन में कम से कम दो पौधे जरूर लगानी चाहिए।स्वच्छ वायु बिना पौधों के संभव नहीं है। हमें वायु प्रदूषण को रोकने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए । शिविर में यादवेंद्र मिश्र ने बताया कि आज पूरा विश्व पर्यावरण से ग्रस्त हैं जो जीवन के लिए बहुत खतरनाक है अगर हम अपने पर्यावरण को स्वच्छ रखना चाहते हैं तो हमें पौधे लगाने आवश्यक है।
DAY-5
सावित्री श्रीनाथ महाविद्यालय के एनएसएस (NSS) स्वयंसेवकों द्वारा गोद लिए गए कजपुरा गांव में पोषण जागरूकता अभियान चलाया गया। इसमें स्वयं सेवकों ने ग्रामीणों के घर-घर जाकर पोषण के पांच सूत्रों को समझाया और स्वच्छता के प्रति भी जागरूकता अभियान चलाया। कार्यक्रम में बताया कि अभियान में पोषण के पांच सूत्र जैसे जीवन के प्रथम 1000 दिवस के दौरान स्वास्थ्य एवं पोषण आवश्यकता के प्रति जागरूकता लाना, गर्भावस्था जांच एवं पोषण देखभाल, नियत समय तक स्तनपान का महत्व, सही समय पर आहार एवं इसकी निरंतरता आदि के विषय में प्रचार प्रसार लोगों के बीच जाकर किया गया।
एनीमिया या शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए आयरन सेवन एवं खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी दी गई।महाविद्यालय के प्राचार्य डा. अवधेश नारायण ने इस कार्यक्रम के लिए एनएसएस के स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं दी।
एनीमिया या शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए आयरन सेवन एवं खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी दी गई।महाविद्यालय के प्राचार्य डा. अवधेश नारायण ने इस कार्यक्रम के लिए एनएसएस के स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं दी।
DAY-6
- सावित्री श्रीनाथ महाविद्यालय में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे सात दिवसीय विशेष शिविर के छठे दिन चयनित सेवा ग्राम कजपुरा में कोरोना (COVID-19) से बचाव हेतु जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। कार्यक्रम के तहत एक जागरूकता रैली निकाली गई।
DAY-7
सावित्री श्रीनाथ महाविद्यालय के एनएसएस स्वयंसेवियों के सात दिवसीय एनएसएस शिविर का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि श्री राजराम यादव जी ने कहा कि शिविर के दौरान मिले अनुभवों को दैनिक जीवन में भी अपनाना चाहिए।
यादव जी ने कहा कि एनएसएस से बच्चों में समाज सेवा की भावना का संचार होता है।शिविरों में प्रतिभाग करने से बच्चों में निखार आता है। एनएसएस शिविर जागरूकता के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।उन्होंने कहा कि समाज में फैली बुराइयों को दूर करने के लिए सभी लोगों से एकजुट होने को कहा।
भारत में छात्रों को राष्ट्रीय सेवा के कार्य में शामिल करने का विचार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के समय का है। केंद्रीय थीम जिसे उन्होंने छात्रों के लिए बार-बार जोर दिया वह यह थी कि उन्हें अपने समक्ष सदैव अपनी सामाजिक जिम्मेदारी रखनी चाहिए छात्रों का प्रथम कर्तव्य उनके अध्ययन की अवधि को केवल बौद्धिक ज्ञान तक ही सीमित न रखकर स्वयं को ऐसे व्यक्तियों की सेवा में समर्पित करना है जिन्होंने राष्ट्र की वस्तुओं और सेवाओं के साथ हमारे देश को आवश्यक चीजें प्रदान की है जो कि समाज के लिए अति आवश्यक है। उन्हें समुदाय के साथ जीवंत संपर्क स्थापित करने की सलाह देते हुए जिनके मस्तिष्क में उनकी संस्थाएं स्थापित थीं, उन्होंने यह सुझाव दिया कि आर्थिक और सामाजिक निशक्तता के स्थान पर शैक्षिक शोध के स्थान पर छात्रों को कुछ सकारात्मक करना चाहिए ताकि ग्रामीण वासियों के जीवन को अधिक ऊँचा और नैतिक स्तर पर उठाया जा सके।
यादव जी ने कहा कि एनएसएस से बच्चों में समाज सेवा की भावना का संचार होता है।शिविरों में प्रतिभाग करने से बच्चों में निखार आता है। एनएसएस शिविर जागरूकता के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।उन्होंने कहा कि समाज में फैली बुराइयों को दूर करने के लिए सभी लोगों से एकजुट होने को कहा।
भारत में छात्रों को राष्ट्रीय सेवा के कार्य में शामिल करने का विचार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के समय का है। केंद्रीय थीम जिसे उन्होंने छात्रों के लिए बार-बार जोर दिया वह यह थी कि उन्हें अपने समक्ष सदैव अपनी सामाजिक जिम्मेदारी रखनी चाहिए छात्रों का प्रथम कर्तव्य उनके अध्ययन की अवधि को केवल बौद्धिक ज्ञान तक ही सीमित न रखकर स्वयं को ऐसे व्यक्तियों की सेवा में समर्पित करना है जिन्होंने राष्ट्र की वस्तुओं और सेवाओं के साथ हमारे देश को आवश्यक चीजें प्रदान की है जो कि समाज के लिए अति आवश्यक है। उन्हें समुदाय के साथ जीवंत संपर्क स्थापित करने की सलाह देते हुए जिनके मस्तिष्क में उनकी संस्थाएं स्थापित थीं, उन्होंने यह सुझाव दिया कि आर्थिक और सामाजिक निशक्तता के स्थान पर शैक्षिक शोध के स्थान पर छात्रों को कुछ सकारात्मक करना चाहिए ताकि ग्रामीण वासियों के जीवन को अधिक ऊँचा और नैतिक स्तर पर उठाया जा सके।